कौन यहाँ लिखता है सोच कर !!!!!

People always ask me why i am writing too much why i am expressing myself here ,Only because of one reason : I love to share it and i feel relax.........


कहते हैं मुझसे लोग अक्सर
अरे! कुछ तो होश कर
लिखना है तो लिख सोच कर
तुम्हे लिखना नहीँ आता
तो क्यों लिखती हो?
क्यों लिख कर.........
कविता को बदनाम करती हो?
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सच्च कहते हैं यह सभी
पर इतना नहीँ सोचते कभी
तीक्षण बुद्धि कहाँ है मुझमें
और जल्दी से नहीँ आता है समझ में
कब, कहाँ, कैसे और क्या लिखा जाता है?
मुझे तो यह भी नहीँ पता है
मैं तो इतना जानती हूँ
लिखती हूँ वही जो लिखा जाता है
नहीँ आता मुझे लिखना
शब्दों को नॉच-नॉच कर
अरे! कौन लिखता है यहाँ सोच कर?
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कभी कहते हैं लगाओ अपनी
सोच पर पहरा............
और कभी माँगते हैं
कम शब्दों में अर्थ गहरा
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अरे! मुझ जैसे नासमझ लोग
क्या जानें गहराई की बातें?
हमें तो शब्दों के अर्थ भी
समझ में नहीँ आते
गुज़ारे के लिए लिखते हैं
और समय पास करते हैं
करो हमसे .............
इतनी बड़ी उमीद दोस्त
ही पालो मन में कोई ऐसी हसरत
कि हम लिखेंगे नया इतिहास
पुराने खंडहर खरोंच कर
अरे ! कौन कम्बख़्त लिखता है यहाँ सोच कर

Comments

Tina said…
i can understand hindi lil bit..but i really cant read that well.. but if i have to comment on this post..i will say that i simply love the reason that have given in thr begnning
Cheers
Tee
Vinayak said…
nice poem
i have seen more poems written in english in blogs and I am 9 year old so I understand little bit of poem only but this time I understood ur poem very well.
Keep it up